अतिचालक पदार्थ (Superconductors) : ऊर्जा और तकनीक में क्रांति

प्रस्तावना ऊर्जा आधुनिक युग की सबसे बड़ी जरूरत है। बिजली से लेकर कंप्यूटर, परिवहन से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक—हर जगह ऊर्जा का उपयोग हो रहा है। लेकिन ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा विद्युत प्रतिरोध (Electrical Resistance) के कारण नष्ट हो जाता है। अगर बिजली को बिना किसी हानि के प्रवाहित किया जा सके, तो यह … Read more

अक्षांश व देशांतर (Latitude and Longitude): पृथ्वी की भौगोलिक स्थिति का विश्लेषण

परिचय पृथ्वी पर किसी भी स्थान की सटीक स्थिति का निर्धारित के लिए वैज्ञानिकों और भूगोलविदों ने अक्षांश (Latitude) और देशांतर (Longitude) की अवधारणा विकसित की। ये काल्पनिक रेखाएँ पृथ्वी की सतह पर खींची गई एक ग्रिड प्रणाली की तरह कार्य करती हैं, जिससे हम किसी भी स्थान को वैश्विक स्तर पर पहचान सकते हैं। … Read more

विद्युत धारा (Electric current): उत्पत्ति एवं प्रवाह

परिचय विद्युत धारा हमारे दैनिक जीवन और आधुनिक तकनीकी जगत की नींव है। पंखा चलाना हो, मोबाइल चार्ज करना हो या विशाल उद्योगों में मशीनें चलानी हों, हर जगह विद्युत धारा का उपयोग होता है। लेकिन वास्तव में विद्युत धारा है क्या, यह कैसे उत्पन्न होती है और इसका वैज्ञानिक महत्व क्या है – आइए … Read more

प्लाज्मा (Plasma): पदार्थ की चतुर्थ अवस्था

प्रस्तावना सामान्यतः पदार्थ (Matter) की तीन अवस्थाएँ होती हैं – ठोस (Solid), द्रव (Liquid) और गैस (Gas)। लेकिन पदार्थ की एक और अवस्था भी होती है, जिसे प्लाज्मा (Plasma) कहा जाता है। यह पदार्थ की चतुर्थ अवस्था (Fourth State of Matter) है और यह हमारे ब्रह्मांड में सबसे अधिक पाई जाती है। प्लाज्मा क्या है? … Read more

प्रकाश: जीवन और ब्रह्मांड की ऊर्जा

वैद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम के 400nm से 750 mm तरंगदैर्ध्य के विकिरणो को प्रकाश कहते हैं। प्रकाश तरंग को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक किसी सरल रेखा के अनुदिश गमन करते हुए माना जा सकता है । इस पथ को प्रकाश किरण कहते है तथा इसी प्रकार की किरणों के समूह से प्रकाश पुंज बनता … Read more

विद्युत आवेश (Electric charge): प्रकार, गुण और उपयोग

विद्युत आवेश (electric charge) किसी पदार्थ का गुण है जिसके कारण वह विद्युत क्षेत्र (electric field) एवं चुम्बकीय क्षेत्र (magnetic field) उत्पन्न करता है तथा इनका अनुभव करता है। आवेश दो प्रकार के होते है- धनात्मक आवेश (positive charge) एवं ऋणात्मक आवेश (negative charge)। जब हम दो धनात्मक आवेशों को पास लाते है तो वे … Read more

परमाणु (Atom): अदृश्य कण की अद्भुत दुनिया

महर्षि कणाद ने अपने ग्रंथ वैशेषिक सूत्र में परमाणु सिद्धांत का प्रतिपादन किया। तत्पश्चात जॉन डाल्टन ने परमाणु की आधुनिक धारणा दी। प्रत्येक पदार्थ परमाणु से मिलकर बनता है तथा परमाणु पदार्थ की मूलभूत इकाई है। परमाणु किसी पदार्थ का वह सूक्ष्मतम कण है जो अधिकांशतः स्वतंत्र अवस्था में नहीं रह सकता है तथा जिसमें … Read more

पौधों की विविधता: जानें पादपों के मुख्य प्रकार

पादप जैविक पदार्थों का निर्माण करते है जिनका उपभोग पादप स्वयं करते है। इसके अलावा मानव सहित अन्य जंतु तथा सूक्ष्मजीव प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से इन्हीं पादपों पर निर्भर करते है। पादप पर्यावरण के विभिन्न संघटकों में जैविक पदार्थों तथा पोषक तत्वों के गमन को संभव बनाते है। हरे पादप अपना आहार स्वयं तैयार … Read more

द्रव्यमान और भार (mass and weight): अंतर क्या है और इसे जानना क्यों जरूरी है?

द्रव्यमान किसी पदार्थ का वह मूल गुण है, जो उस पदार्थ के त्वरण का विरोध करता है। द्रव्यमान से किसी वस्तु का वज़न और गुरुत्वाकर्षण के प्रति उसके आकर्षण या शक्ति का पता चलता है। एक श्वेत वामन (White dwarf) तारे का द्रव्यमान 1.39Mo से अधिक नहीं हो सकता। जहां Mo सूर्य का द्रव्यमान है। … Read more

कोशिका (Cell) : जीवन की एक इकाई

रॉबर्ट हुक ने सन् 1665 में सर्वप्रथम कोशिका की खोज की थी। उन्होंने स्वयं द्वारा निर्मित सूक्ष्मदर्शी के नीचे कॉर्क की पतली परत को रखकर देखा। कॉर्क की पतली परत में उन्हें मधुमक्खी के छत्ते के समान कोष्ठ दिखाई दिए। इन कोष्ठों को रॉबर्ट हुक ने कोशिका नाम दिया कोशिकीय संगठन के आधार पर जीव … Read more