त्रिकोणमिति (Trigonometry)

त्रिकोणमिति गणित की वह शाखा है जिसमें त्रिभुज की भुजाओं और कोणों के बीच के संबंधों का अध्ययन किया जाता है। त्रिकोणमिति का उपयोग ज्यामिति, भौतिकी, इंजीनियरिंग, खगोल विज्ञान, और अन्य कई क्षेत्रों में किया जाता है। त्रिकोणमिति के मूलभूत शब्दावली में निम्नलिखित शामिल हैं: त्रिकोणमिति के मूलभूत अनुपातों में निम्नलिखित शामिल हैं: त्रिकोणमिति के … Read more

लघुगणक (Logarithm)

लघुगणक एक गणितीय क्रिया है जो एक संख्या को दूसरी संख्या के घात के रूप में व्यक्त करती है। लघुगणक एक गणितीय अवधारणा है जो किसी आधार संख्या को कितनी बार स्वयं से गुणा करने पर एक निश्चित संख्या प्राप्त होती है, यह बताता है। लघुगणक के प्रकार लघुगणक दो प्रकार के होते हैं: साधारण … Read more

क्षेत्रमिति (Mensuration)

किसी एक निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिन्दुपथ वृत्त कहलाता है। इस निश्चित बिंदु को वृत्त का केंद्र कहा जाता है, और केंद्र और वृत्त की परिधि के किसी भी बिंदु के बीच की दूरी वृत्त की त्रिज्या कहलाती है। वृत्त की त्रिज्या वृत्त की त्रिज्या वह रेखाखण्ड है जो वृत्त … Read more

द्विघात समीकरण

एक द्विघात समीकरण एक बहुपद समीकरण है जिसकी घात 2 होती है। इसका मानक रूप इस प्रकार है:$$ ax^2 + bx + c = 0$$ जहाँ a, b और c अचर होते हैं और a ≠ 0। द्विघात समीकरण के दो मूल होते हैं, जिन्हें x1 और x2 के रूप में लिखा जाता है। द्विघात … Read more

पाइथागोरस प्रमेय (Pythagoras Theorem)

पाइथोगोरस प्रमेय (Pythagorean theorem) या बोधायन सूत्र गणित और ज्यामिति का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जिसका उपयोग समकोण त्रिभुजों में भुजाओं की लंबाई ज्ञात करने के लिए किया जाता है। यह कहता है कि: एक समकोण त्रिभुज में, समकोण के सामने वाली भुजा (कर्ण) का वर्ग अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर … Read more

चरघातांकी श्रेणी (Exponential Series)

चरघातांकी श्रेणी एक ऐसी श्रेणी है जिसमें प्रत्येक पद अपने पूर्ववर्ती पद से एक ही चरघातांकी गुणांक से गुणा होता है। इसे निम्नलिखित रूप में व्यक्त किया जा सकता है: $$a_0 + a_1r + a_2r^2 + a_3r^3 + …$$ जहाँ, a_0 श्रेणी का प्रथम पद है, r चरघातांकी गुणांक है और n श्रेणी का nवाँ … Read more

द्विपद प्रमेय (Binomial Theorem)

द्विपद प्रमेय गणित में एक महत्वपूर्ण बीजगणितीय सूत्र है, जो किसी द्विपद के किसी धन पूर्णांक घातांक का मान निकालने का तरीका बताता है। इस द्विपद में दो चर होते हैं, जिन्हें अक्सर x और y से दर्शाया जाता है। यहाँ सूत्र दिया गया है: $$(a + b)^n = nCr * a^(n-r) * b^r$$ जहाँ: … Read more

बीजीय सर्वसमिकाओं के गुणनखंड

“गुणनखंड” गणित में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। इसका मतलब किसी वस्तु (जैसे – संख्या, बहुपद या मैट्रिक्स) को अन्य वस्तुओं के गुणनफल (product) के रूप में तोड़ना होता है। ये अन्य वस्तुएँ संख्याएँ, बीजीय चर या बीजीय व्यंजक हो सकती हैं।गुणनखंड निकालने के कई तरीके हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम … Read more

कलन (Calculus)

कलन (Calculus) गणित का एक प्रमुख क्षेत्र है जिसमें राशियों के परिवर्तन का गणितीय अध्ययन किया जाता है। इसकी दो मुख्य शाखाएँ हैं- अवकल गणित तथा समाकलन गणित। अवकल गणित में किसी राशि के परिवर्तन की दर का अध्ययन किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कार की गति 10 मीटर प्रति सेकंड की … Read more

क्षेत्रमिति

क्षेत्रमिति गणित की एक शाखा है जो ज्यामितीय आकृतियों के क्षेत्रफल और आयतन के सूत्रों की निष्पत्ति (derivation) एवं उनके प्रयोग से सम्बन्ध रखती है। त्रिभुज का क्षेत्रफल त्रिभुज का क्षेत्रफल = ½ × आधार × ऊंचाई त्रिभुज का क्षेत्रफल = ½ × a × h समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = … Read more