ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है जो किसी ठोस, द्रव या गैस माध्यम से गुजरती है। यह एक प्रकार का कम्पन या विक्षोभ है जो हवा के कणों को एक निश्चित दिशा में गतिमान करता है। जब कोई वस्तु कंपन करती है, तो वह हवा के कणों को कंपन कराती है, जो आगे-पीछे गति करते हैं और ध्वनि तरंगें बनाते हैं।
मनुष्य के गले की कंठ नली में दो स्नायु या संधि बंधन होते हैं, जिन्हें हम वाक्-तन्तु कहते हैं। वाक्-तन्तु प्राकृतिक वाद्य यंत्र हैं।
ध्वनि की उत्पत्ति
वस्तुओं में कम्पन के कारण ध्वनि उत्पन्न होती है।
मानव में वाक् ध्वनि का उत्पन्न होना
मनुष्य के गले की कंठ नली में दो स्नायु या संधि बंधन होते हैं, जिन्हें वाक्-तन्तु कहते हैं। वाक्-तन्तु प्राकृतिक वाद्य यंत्र है। वाक तन्तु बोलते समय इस तरह से खींच जाते हैं कि इनमें एक पतली झिर्री बन जाती है। जब फेफड़ों की हवा इस झिर्री में से तेजी से निकलती है तो वाक् तन्तु में कम्पन पैदा होता है और ध्वनि उत्पन्न होती है।
ध्वनि का संचरण
ध्वनि का संचरण भिन्न-भिन्न माध्यम में किस प्रकार होता है?
वायु में ध्वनि का संचरण
वायु में ध्वनि का संचरण कम्पनों के द्वारा होता है, जब वस्तु कम्पन करती है तो उसके आस-पास की वायु के कण भी कम्पन करने लगते हैं। हर कम्पित कण, इन कम्पनों को अपने सम्पर्क में आने वाले अन्य कणों को स्थानान्तरित करते हैं। इस तरह ध्वनि के कम्पन एक के बाद एक वायु कणों से होते हुए मानव कान तक पहुँचते हैं। कान के पर्दे के समीप वाले वायु कण कम्पन करते हैं। इनकी टक्कर से कान का पर्दा (कर्ण पटह) कम्पन करता है और ध्वनि सुनाई देती है।
क्या ठोस तथा द्रव में भी ध्वनि का संचरण होता है?
ठोस में भी ध्वनि का संचरण
ठोसों में भी ध्वनि का संचरण होता है।
द्रव में ध्वनि का संचरण
द्रव में भी ध्वनि का संचरण होता है।
ध्वनि तरंगों से संबंधित तथ्य
- ध्वनि एक प्रकार की तरंग है जो चीजों के वाइब्रेशन से उत्पन्न होती है।
- ध्वनियाँ निम्न स्तर की ऊर्जा उत्पन्न करती हैं।
- ध्वनि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए ठोस, तरल या गैसीय माध्यम की आवश्यकता होती है।
- ध्वनि अन्य माध्यमों की तुलना में पानी में तेजी से चलती है।
- ध्वनि प्रकाश की तुलना में धीमी गति से चलती है, यही कारण है कि हम चीजों को देखने के बाद उन्हें सुनते हैं।
- ध्वनि को डेसीबल और पास्कल में मापा जाता है।
- ध्वनि की माप उसके दबाव और तीव्रता से संबंधित है।
- ध्वनि वैक्यूम में ट्रेवल नहीं करती।
- मनुष्य 20 Hz से 2000 Hz के बीच आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगें सुन सकता है।
- 20 हर्ट्ज से कम आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को इन्फ्रासोनिक तरंगें कहा जाता है और मनुष्य इन्फ़्रासोनिक ध्वनि तरंगों को नहीं सुन सकता।
- 2000 हर्ट्ज से अधिक आवृत्ति वाली तरंगों को अल्ट्रासोनिक तरंगें कहा जाता है। हालाँकि मनुष्य उन्हें नहीं सुन सकते, कुछ जानवर, जैसे कुत्ते, बिल्ली और चमगादड़, उन्हें आसानी से सुन सकते हैं।
- विस्फोटित ज्वालामुखी हमारे ग्रह पर सबसे तेज़ प्राकृतिक ध्वनियाँ उत्पन्न कर सकते हैं।
- ध्वनिविज्ञान (Acoustics) ध्वनि तरंगों के वैज्ञानिक अध्ययन को कहते हैं।