पादप (Plant)

पादप जैविक पदार्थों का निर्माण करते है जिनका उपभोग पादप स्वयं करते है। इसके अलावा मानव सहित अन्य जंतु तथा सूक्ष्मजीव प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से इन्हीं पादपों पर निर्भर करते है। पादप पर्यावरण के विभिन्न संघटकों में जैविक पदार्थों तथा पोषक तत्वों के गमन को संभव बनाते है। हरे पादप अपना आहार स्वयं तैयार … Read more

रेशे (Fibers)

रेशे एक पतले, लम्बे और तंतुमय पदार्थ होते हैं जो प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से पाए जाते हैं। प्राकृतिक रेशे अक्सर पौधों या जानवरों से प्राप्त होते हैं, जबकि कृत्रिम रेशे मानव निर्मित होते हैं। प्राकृतिक रेशे कपास, ऊन, सिल्क आदि प्राकृतिक रेशे है। प्राकृतिक रेशे दो प्रकार के होते हैं- पादप रेशे एवं जांतव … Read more

द्रव (Liquid)

वह द्रव जिसकी संपीड्यता तथा श्यानता दोनों ही शून्य होती है, आदर्श द्रव कहलाता है। वास्तव में कोई भी द्रव पूरी तरह से आदर्श द्रव नहीं होता है। धारारेखीय एवं प्रक्षुब्ध प्रवाह जब कोई द्रव इस प्रकार प्रवाहित होता है कि किसी एक ही बिंदु में होकर गुजरने वाले द्रव के सभी कण एक ही … Read more

तरल (Fluid)

तरल पदार्थ वे हैं जिनकी अपनी कोई निश्चित आकृति नहीं होती। इन्हे जिस बर्तन में रखा जाता है उसी की आकृति ग्रहण कर लेते हैं। द्रव तथा गैस दोनों तरल पदार्थ हैं। तरल पदार्थ वह पदार्थ हैं जो बह सकते हैं। भौतिकी में, तरल की श्रेणी में द्रव और गैस दोनों आते हैं, क्योंकि दोनों … Read more

श्यानता (Viscosity)

द्रव का वह गुण जिसके कारण द्रव अपनी भिन्न-भिन्न परतों में होने वाली सापेक्ष गति का विरोध करता है, श्यानता कहलाता है। श्यानता के गुण जब हम किसी बर्तन में रखे द्रव को विलोडकर छोड़ देते हैं तो थोड़ी देर में द्रव स्वयं ठहर जाता है। यह श्यानता के गुण के कारण होता है। वेग … Read more

पृष्ठ तनाव (Surface tension)

किसी द्रव के पृष्ठ पर खींची गई काल्पनिक रेखा की एकांक लम्बाई के लम्बवत कार्य करने वाले बल को ही द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। द्रव का वह गुण जिसके कारण वह अपने स्वतंत्र पृष्ठ के क्षेत्रफल को न्यूनतम करने की कोशिश करता है। पृष्ठ तनाव कहलाता है। पृष्ठ तनाव को ‘T’ से प्रदर्शित … Read more

प्रकाश का ध्रुवण (Polarisation of Light)

जब प्रकाश टूरमैलीन नामक दो क्रिस्टलो में से गुजारा जाता है तो दूसरे क्रिस्टल को घुमाने पर उसमें से बाहर निकलने वाले प्रकाश की तीव्रता में परिवर्तन होता है, इस घटना को प्रकाश का ध्रुवण कहतें हैं। टूरमैलीन का पहला क्रिस्टल जो प्रकाश की तरंगों को ध्रुवित करता है, ध्रुवक (Polariser) कहलाता है। टूरमैलीन का … Read more

प्रत्यास्थता (Elasticity)

प्रत्यास्थता (Elasticity): प्रत्यास्थता किसी वस्तु के पदार्थ का वह गुण है जिसके कारण वस्तु किसी विरूपक बल के द्वारा उत्पन्न आकार अथवा आकृति के परिवर्तन का विरोध करती है। जैसे ही विरूपक बल हटा लिया जाता है वस्तु अपनी पूर्व अवस्था को प्राप्त कर लेती है। विरूपक बल: जब किसी वस्तु पर कोई बाह्य बल … Read more

दिशासूचक यंत्र (Compass)

दिशासूचक यंत्र (कंपास) कॉंच के ढक्कन वाली एक छोटी डिब्बी होती है। इसमें एक चुम्बकीय सुई तीखी नोक पर टिकी होती है जिस पर सुई स्वतंत्रतापूर्वक घूमती है। इस सुई का एक सिरा उत्तर व दूसरा सिरा दक्षिण ध्रुव होता है। कम्पास में एक डायल भी होता है जिस पर दिशाएँ अंकित होती हैं। जहाँ … Read more

विद्युत सेल (Electric cell)

सेल का ऊपरी सिरा (टोपी) धनात्मक व नीचे स्थित जस्ते का वृताकार पैंदा ऋणात्मक होता है। सेल के अन्दर रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिनमें रासायनिक क्रिया से हमें विद्युत प्राप्त होती है। लंबे समय तक काम में लेने पर सेल से विद्युत प्रवाह बंद हो जाता है। सेल से विद्युत प्रवाह बन्द हो जाने का … Read more