लम्बाई किसी वस्तु की लम्बे आयाम को कहते हैं। किसी वस्तु की लम्बाई, उसके दोनों छोरों के बीच की दूरी को कहते हैं। इसे ऊंचाई से पृथक करने के लिये, ऊंचाई ऊर्ध्वाकार में कही जाती है।
लम्बाई का मात्रक
”अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली” (S.I.) में लम्बाई का मात्रक मीटर है। इसका 100 वाँ भाग सेन्टीमीटर कहलाता हैं। सेन्टीमीटर का 10 वाँ भाग मिलीमीटर कहलाता है। लम्बी दूरियों को किलोमीटर (Km) में मापते हैं।
- 1 मीटर = 100 सेन्टीमीटर
- 1 सेन्टीमीटर = 10 मिलीमीटर
- 1 मीटर = 1000 मिलीमीटर
- 1 किलोमीटर = 1000 मीटर
दूरी
किसी गतिशील पिंड द्वारा निश्चित समय अंतराल में उसकी गति के अंतिम तथा प्रारंभिक स्थितियों के मध्य तय किये गये पथ की लंबाई को दूरी (distance) कहते हैं। दूरी एक अदिश राशि है। एक गतिशील पिंड के लिये समय के साथ दूरी सदैव बढ़ती है। अतः पिंड द्वारा तय की गई दूरी सदैव धनात्मक होती है।
दूरी का मात्रक
दूरी का SI पद्धति में मात्रक मीटर है। इसे प्रतीक m से प्रदर्शित किया जाता है।
प्रकाश वर्ष
प्रकाश वर्ष लम्बी दूरीयों के मापने का मात्रक है। निर्वात में प्रकाश द्वारा 1 वर्ष में तय की गई दूरी 1 प्रकाश वर्ष कहलाती है।
1 प्रकाश वर्ष = 1ly = 9.46×1015 मीटर
दूरी का विमीय सूत्र
दूरी का विमीय सूत्र [M0L1T0] है।
दूरियों का मापन (Measurement of Distance)
छोटी दूरियों के मापन के लिये मीटर स्केल का उपयोग किया जाता है। मीटर स्केल से हम 0.1 cm तक दूरियों का मापन कर सकते है।
अति सूक्ष्म दूरियों के मापन के लिये स्क्रूगेज, वर्नियर कैलिपर्स तथा स्फेरोमीटर का उपयोग किया जाता है। बहुत बड़ी दूरियों जैसे पृथ्वी की चन्द्रमा से दूरी, को ज्ञात करने के लिये लंबन विधि का उपयोग किया जाता है।
दूरियों के मापन में निम्नलिखित मात्रक उपयोग में लाये जाते है।
- 1 सेन्टीमीटर = 10-2 मीटर
- 1 मिलीमीटर = 10-3 मीटर
- 1 माइक्रोमीटर = 10-6 मीटर
- 1 नैनामीटर = 10-9 मीटर
- 1 एंगस्ट्रॅाम= 10-10 मीटर
- 1 फर्मी = 10-15 मीटर
- 1 किलोमीटर = 103 मीटर
- 1 खगोलीय मात्रक = 1AU=1.496 × 1011 मीटर
- 1 प्रकाश वर्ष = 1 ly = 9.461 ×1015 मीटर
- 1 माइल= 1.609 ×103 मीटर
- 1 गज= 0.9144 मीटर
- 1 इंच= 0.0254 मीटर
प्रकाश वर्ष – लम्बाई मापन की इकाई
प्रकाश वर्ष (light year), जो प्रव (ly) द्वारा चिन्हित किया जाता है, लम्बाई की एक मापन इकाई है। यह लगभग 95 खरब (9.5 ट्रिलियन) किलोमीटर की होती है। अन्तर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार, एक प्रकाश वर्ष वह दूरी है जो प्रकाश अपने निर्वात में एक वर्ष में पूरा कर लेता है। यह इकाई मुख्यत: लम्बी दूरियों यथा दो तारों या गैलेक्सी जैसी अन्य खगोलीय वस्तुओं की बीच की दूरी मापने में प्रयोग की जाती है।
विस्थापन
किसी कण की प्रारंभिक व अंतिम स्थिति को मिलाने वाली रेखा की सीधी लंबाई को विस्थापन कहते है। विस्थापन में परिमाण व दिशा दोनों होते हैं अतः विस्थापन एक सदिश राशि है। कण की प्रारंभिक स्थिति से अंतिम स्थिति को मिलाने वाला सदिश विस्थापन सदिश कहलाता है। विस्थापन का परिमाण गतिमान वस्तु द्वारा चली गई पथ-लंबाई के बराबर हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है। एक गतिशील कण के लिए समय के साथ पथ-लंबाई सदैव बढ़ती रहती है जबकि विस्थापन बढ़ या घट सकता है। SI पद्धति में विस्थापन का मात्रक मीटर है। विस्थापन का विमीय सूत्र [M0L1T0] है। किसी कण का विस्थापन धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य हो सकता है।
माना एक कण त्रिज्या r के वृत्ताकार पथ में में अनुसार चक्कर लगा रहा है।
इस स्थिति में:
- एक पूर्ण परिक्रमण में विस्थापन शून्य होगा।
- एक अर्ध चक्र में कण का विस्थापन πr मीटर होगा।
किसी कण का विस्थापन Δx निम्नलिखित सूत्र से दिया जाता है,
Δx = x2 – x1
यहां,
x1 = कण की प्रारंभिक स्थिति।
x2 = कण की अंतिम स्थिति।
दूरी तथा विस्थापन में मुख्य अंतर
विशेषता | दूरी | विस्थापन |
---|---|---|
परिभाषा | किसी विशिष्ट बिंदु से दूसरे विशिष्ट बिंदु तक तय की गई सीधी या वक्र रेखा की लंबाई को दूरी कहते हैं। | प्रारंभिक बिंदु से अंतिम बिंदु तक की न्यूनतम दूरी को विस्थापन कहते हैं। |
मात्रक | मीटर (m) | मीटर (m) |
दिशा | कोई दिशा नहीं | एक निश्चित दिशा होती है |
धनात्मक या ऋणात्मक | धनात्मक या ऋणात्मक हो सकता है | हमेशा सकारात्मक होता है |
उदाहरण | एक कार द्वारा 100 मीटर की दूरी तय करना | एक कार द्वारा 100 मीटर की पूर्व दिशा में यात्रा करना |