सूर्य सौरमंडल का एकमात्र तारा है। यह पृथ्वी के सबसे निकटतम तारा है। सूर्य, जलती हुई गैसों का एक विराट पिंड है। इसकी सतह सदैव अशांत एवं अस्थिर रहती है। सौरमंडल में स्थित सभी पिंडों में से सूर्य में सबसे अधिक हाइड्रोजन एवं हीलियम है । सौरमंडल के लिए सूर्य प्रकाश एवं उष्मा का एकमात्र स्रोत है। इसका गुरुत्वाकर्षण सौरमंडल को बांधे रखता है।यह पृथ्वी से लगभग 15 करोड किलोमीटर दूरी पर स्थित है। सूर्य की पृथ्वी से दूरी अधिक होने के कारण सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 8 मिनट 30 सेकंड का समय लगता है। सूर्य की ऊर्जा का स्रोत परमाणु संलयन है।
सौरमंडल में यह सबसे अधिक द्रव्यमान वाला पिंड है और सभी ग्रह इसकी की परिक्रमा करते हैं।
सौर हवा
सूर्य के वायुमंडल की बाहरी परत किरीट (Corona) से उत्सर्जित होने वाले आवेशित कणों की बौछार को सौर हवा कहते है। यह कण संपूर्ण सौरमंडल में बिखर जाते है। ये कण मुख्यतः इलेक्ट्रॉन और प्रोटोन होते है। सौर हवा द्वारा लाए गए आवेशित कण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के कारण पृथ्वी के निकट विकिरण पट्टियों की ओर धकेल दिए जाते है।
सौर चक्र
वैज्ञानिक अनुसंधान से ज्ञात हुआ कि हर 11-वर्ष बाद सूर्य की गतिविधियां, जैसे सौर ज्वालाएं, किरीटीय द्रव्मान उत्सर्जन, सौर-धब्बों की संख्या आदि, अपनी चरम अवस्था में आती हैं, जिन्हें सौर चक्र कहा जाता है।

Image credit: भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला
सूर्य की संरचना
सूर्य सतह एवं वायुमंडल की परतों में होने वाली गतिविधियों का संबंध उसकी आंतरिक संरचना से है। इसके भीतर की विभिन्न गहराइयों से दोलित तरंगें निकलती हैं, जिनके द्वारा वैज्ञानिक सूर्य के आंतरिक रहस्य की जानकारी प्राप्त होती है। सौर-कम्पनविज्ञान द्वारा सूर्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।

