पर्यावरण प्रदूषण | Paryavaran pradushan

पर्यावरण में अवांछित एवं अनुपयोगी पदार्थों के मिलने या उपयोगी तत्वों की कमी से इसकी गुणवत्ता में ह्रास हो जाता है। यही पर्यावरण प्रदूषण कहलाता है।
पर्यावरण प्रदूषण के फलस्वरूप वायु, जल, मिट्टी के भौतिक, रासायनिक तथा जैविक गुणों में परिवर्तन हो जाते है। यह परिवर्तन पारिस्थितिक तंत्र एवं सभी जीव धारियों के लिये हानिकारक है। पर्यावरण प्रदूषण के फलस्वरूप ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत का नष्ट होना, असमय वर्षा होना, समुद्र के जल स्तर का बढ़ना, मरुस्थल का विस्तार होना जैसी कई समस्याएं उत्पन्न हुई है।

प्रदूषण के मुख्य प्रकार

प्रदूषण के प्रकार निम्न है-

  • जल प्रदूषण
  • वायु प्रदूषण
  • मृदा प्रदूषण
  • ध्वनि प्रदूषण
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