द्रव्यमान एवं भार (Mass and weight)

द्रव्यमान किसी पदार्थ का वह मूल गुण है, जो उस पदार्थ के त्वरण का विरोध करता है। द्रव्यमान से किसी वस्तु का वज़न और गुरुत्वाकर्षण के प्रति उसके आकर्षण या शक्ति का पता चलता है।

द्रव्यमान का मापन (Measurement of Mass)

द्रव्यमान के मापन लिये सामान्यतः तुला का उपयोग किया जाता है। परमाणु तथा अणु के द्रव्यमान के मापन के लिये कार्बन-12 के द्रव्यमान को मानक लिया जाता है।

द्रव्यमान के मापन में निम्नलिखित मात्रक उपयोग में लाये जाते है।

  • 1 ग्राम = 10 -3 kg
  • 1 क्विंटल = 100 kg
  • 1 टन = 1000 kg
  • 1 स्लग = 14.59 kg
  • 1 चन्द्रशेखर ईकाइ = 1.4 × सूर्य का द्रव्यमान = 2.8 × 1030 kg
  • 1 एकीकृत परमाणु संहति मात्रक = 1u = कार्बन-12 के एक परमाणु के द्रव्यमान का 1/12 वां भाग

चंद्रशेखर सीमा

एक श्वेत वामन (White dwarf) तारे का द्रव्यमान 1.39Mo से अधिक नहीं हो सकता। जहां Mo सूर्य का द्रव्यमान है। श्वेत वामन तारे के इस अधिकतम द्रव्यमान को चंद्रशेखर सीमा (Chandrasekhar limit) कहते है। द्रव्यमान के लिए सबसे बड़ा मात्रक चंद्रशेखर सीमा है। भारतीय खगोलविद् सुब्रमण्यन चंद्रशेखर ने चंद्रशेखर सीमा की खोज की थी।

  • 1 चंद्रशेखर सीमा = 1.39 × सूर्य का द्रव्यमान
  • 1 C.S.L. = 1.39Mo

भार

भार किसी वस्तु पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल को कहते हैं। यह एक स्थानिक गुण है, जिसका अर्थ है कि यह गुरुत्वाकर्षण के कारण बदलता है। भार का मात्रक न्यूटन (N) है।

द्रव्यमान और भार में अंतर

द्रव्यमान और भार के बीच मुख्य अंतर यह है कि द्रव्यमान एक सार्वत्रिक गुण है जो गुरुत्वाकर्षण के कारण नहीं बदलता है, जबकि भार एक स्थानिक गुण है जो गुरुत्वाकर्षण के कारण बदलता है।

विशेषताद्रव्यमानभार
परिभाषाकिसी वस्तु में द्रव्य की मात्राकिसी वस्तु पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल
मात्रककिलोग्राम (kg)न्यूटन (N)
निर्भरतागुरुत्वाकर्षण के कारणगुरुत्वाकर्षण के कारण
परिवर्तनशीलतानहींगुरुत्वाकर्षण के कारण
उदाहरणएक किलोग्राम लोहा, एक किलोग्राम लकड़ीएक किलोग्राम लोहा का पृथ्वी पर भार 9.8 N है, चंद्रमा पर 1.6 N है
द्रव्यमान और भार के बीच अंतर

द्रव्यमान किसी वस्तु में द्रव्य की मात्रा को प्रकट करता है। यह एक सार्वत्रिक गुण है, जिसका अर्थ है कि यह किसी भी स्थान पर समान होता है। द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम (kg) है।

उदाहरण के लिए, एक किलोग्राम लोहा का पृथ्वी पर भार 9.8 N है, चंद्रमा पर 1.6 N है। इसका कारण यह है कि चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी की तुलना में बहुत कम है।

एक किलो में कितने ग्राम होते हैं?

एक किलो में 1000 ग्राम होते हैं।