परिचय
द्रवित पेट्रोलियम गैस (LPG – Liquefied Petroleum Gas) आज हमारे रोज़मर्रा के जीवन का अहम हिस्सा बन गई है। यह न केवल रसोई में खाना पकाने के लिए बल्कि उद्योगों और परिवहन के लिए भी उपयोग होती है। LPG की प्रमुख विशेषता यह है कि इसे आसानी से द्रवित रूप में संग्रहित और परिवहन किया जा सकता है।
द्रवित पेट्रोलियम गैस (LPG) को रसोई गैस के रूप में अधिक जाना जाता है। यह वस्तुतः कई हाइड्रोकार्बन गैसों का मिश्रण है। इसमें मुख्य रूप से प्रोपेन और ब्यूटेन गैसें होती हैं। कमरे के तापमान पर, दोनों गैसें रंगहीन और गंधहीन होती हैं। प्रोपेन का अपना क्वथनांक -42 डिग्री सेल्सियस और ब्यूटेन का -0.5 डिग्री सेल्सियस है।
एलपीजी का निर्माण
एलपीजी का निर्माण पेट्रोलियम के रिफाइनरियों में किया जाता है। रिफाइनरी में, पेट्रोलियम को विभिन्न घटकों में अलग किया जाता है, जिसमें एलपीजी भी शामिल है। एलपीजी का निर्माण मुख्य रूप से पेट्रोलियम के दो घटकों, प्रोपेन और ब्यूटेन से होता है। ये घटक पेट्रोलियम में लगभग 10% तक पाए जाते हैं।
एलपीजी का निर्माण करने की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:
पेट्रोलियम का आसवन – पेट्रोलियम को एक पात्र में गर्म किया जाता है, जिससे विभिन्न घटक भाप के रूप में उड़ जाते हैं। इन भापों को फिर ठंडा किया जाता है, जिससे वे तरल रूप में वापस आ जाते हैं।
प्रोपेन और ब्यूटेन का पृथक्करण – तरल घटकों को फिर विभिन्न घटकों में अलग करने के लिए पृथक्करण कॉलम से गुजारा जाता है। प्रोपेन और ब्यूटेन सबसे कम क्वथनांक वाले घटक होते हैं, इसलिए वे सबसे पहले पृथक हो जाते हैं।
एलपीजी का संपीड़न – प्रोपेन और ब्यूटेन को फिर एक संपीड़क के माध्यम से पारित किया जाता है, जिससे वे गैस में बदल जाते हैं। एलपीजी गैस को फिर टैंकों में संग्रहित किया जाता है।
एलपीजी का निर्माण पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन के दौरान होता है। इस प्रक्रिया में, पेट्रोलियम को विभिन्न तापमानों पर गर्म किया जाता है, जिससे अलग-अलग क्वथनांक वाले पदार्थ अलग हो जाते हैं। एलपीजी का उत्पादन तब होता है जब पेट्रोलियम को 20 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर गर्म किया जाता है।
एलपीजी का उपयोग घरों में खाना पकाने, गरम करने वाले उपकरणों एवं कुछ वाहनों में इंधन के रूप में किया जाता है। यह एक स्वच्छ ईंधन है जो कम प्रदूषण उत्पन्न करता है।
LPG मुख्य रूप से दो स्रोतों से प्राप्त होती है:
1. कच्चे तेल से – पेट्रोलियम रिफाइनिंग प्रक्रिया में प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल से LPG अलग की जाती है।
2. प्राकृतिक गैस से – प्राकृतिक गैस के प्रसंस्करण के दौरान लाइट हाइड्रोकार्बन (जैसे प्रोपेन और ब्यूटेन) को अलग कर LPG बनाया जाता है।
उत्पादन की प्रक्रिया
कच्चे तेल या प्राकृतिक गैस को उच्च तापमान और दबाव पर प्रोसेस किया जाता है।
गैस को शुद्ध किया जाता है और फिर उच्च दबाव में तरल रूप में संचित किया जाता है।
अंतिम उत्पाद को सिलेंडरों या टैंकों में भरा जाता है, ताकि इसे सुरक्षित रूप से परिवहन और भंडारण किया जा सके।
LPG के उपयोग
LPG के उपयोग मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों में होते हैं:
1. घरेलू उपयोग:
खाना पकाने के लिए रसोई गैस
गर्म पानी और हीटिंग सिस्टम में
2. औद्योगिक उपयोग:
धातु गलाने, सिलाई उद्योग, और हीटिंग फर्नेस में
ऑटोमोबाइल और छोटे उद्योगों में ईंधन
3. परिवहन:
LPG आधारित वाहन ईंधन (Autogas) के रूप में
प्रदूषण कम करने में मदद करता है क्योंकि यह साफ जलने वाली गैस है
LPG के फायदे
एलपीजी के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
यह एक स्वच्छ ईंधन है जो कम प्रदूषण उत्पन्न करता है।
यह एक कुशल ईंधन है जो कम ऊर्जा की खपत करता है।
यह एक सुरक्षित ईंधन है जो आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
परिवहन में आसान: सिलेंडरों में भरा जा सकता है।
ऊर्जा कुशल: अन्य ईंधनों की तुलना में गर्मी देने की क्षमता अधिक।
सुरक्षित: सही उपयोग और भंडारण में बहुत सुरक्षित।
LPG के नुकसान
एलपीजी के कुछ प्रमुख नुकसान निम्नलिखित हैं:
यह एक ज्वलनशील ईंधन है जो रिसाव की स्थिति में आग का कारण बन सकता है।
यह एक महंगा ईंधन है।
LPG का सुरक्षित उपयोग
LPG का सही और सुरक्षित उपयोग बेहद जरूरी है, क्योंकि यह दहनशील गैस है।
सुरक्षा उपाय:
1. सिलेंडर की जाँच करें:
समय-समय पर सिलेंडर और वाल्व की जांच करें।
2. साफ-सुथरी जगह पर उपयोग:
रसोई में हवा का पर्याप्त प्रवाह हो।
3. लीक का पता लगाना:
साबुन के पानी से वाल्व और नली में लीकेज जांचें।
4. आग और गर्म सतह से दूर रखें:
सिलेंडर को सीधे धूप, हीटर या आग से दूर रखें।
5. बाल-बच्चों की पहुँच से दूर रखें:
सुरक्षा की दृष्टि से हमेशा ऊँची और सुरक्षित जगह पर रखें।
निष्कर्ष
LPG हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गई है। इसके उत्पादन, उपयोग और सुरक्षा उपायों को समझना न केवल हमें ऊर्जा कुशल बनाता है बल्कि दुर्घटनाओं से भी बचाता है। सही तरीके से LPG का उपयोग करके हम सुरक्षित, स्वच्छ और सतत ऊर्जा सुनिश्चित कर सकते हैं।