पृथ्वी पर उपलब्ध जल का कुछ भाग पौधों, जन्तुओं तथा मनुष्य द्वारा प्रयुक्त होता है। जल का अधिकांश भाग समुद्री जल के रूप में होता है। जिसका सीधा उपयोग करना संभव नहीं है। वर्षा की कमी से भौम (भूमि) जल का स्तर अत्यधिक नीचे चला जाता है। जनसंख्या वृद्धि, वर्षा का असंतुलन, उद्योगों में अत्यधिक जल का उपयोग, जल का अपव्यय आदि के कारण पीने योग्य जल की मात्रा में निरन्तर कमी होती जा रही है।
जल की कमी के कई कारण हो सकते हैं। अतः वर्षा के जल को एकत्रित कर भंडारण करना आवश्यक है। जिससे हमारी जल की आवश्यकता की पूर्ति हो सके। अतः वर्षा के जल को एकत्रित कर भण्डारण करने की प्रक्रिया को जल संग्रहण कहते हैं।
जल-संग्रहण की तकनीक
मकान की छतों पर एकत्रित वर्षा जल को पाईप की सहायता से जमीन में बने गड्ढे में ले जाया जाता है। यह जल धीरे-धीरे मिट्टी में रिसाव से भौम जल का स्तर बढ़ाता है।