गोल्डफिश (Gold Fish) का साइंटिफिक नाम कैरासियस ऑराटस (Carassius Auratus) है। गोल्डफिश (Gold Fish) या सुनहरी मछली कार्प परिवार की मछली है। यह पालतू बनाए जाने वाली सबसे पहली मछली है और सबसे अधिक रखे जाने वाली एक्वैरियम मछली है। यह पूर्वी एशिया की मूल निवासी है और जिसकी पहचान यूरोप में 17वीं सदी के पूर्वार्ध में हुई। गोल्डफिश साइप्रिनीडी परिवार के साइप्रिनीफोरमीस क्रम की मीठे पानी में पाई जाने वाली मछली है। इसमें कोई कार्प और क्रूसियान कार्प भी सम्मिलित हैं। यह कम रंगीन कार्प मछली का पालतू संस्करण है।
गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? (What is the scientific name of Goldfish?)
गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम कैरासियस ऑराटस (Carassius Auratus) है। अपने चमकदार लाल-नारंगी रंग के साथ गोल्डफिश सबसे आसानी से पहचानी जाने वाली मछलियों में से एक है।
गोल्डफिश वैज्ञानिक का वर्गीकरण (Scientific Classification of Goldfish)
जगत (Kingdom) | ऐनिमेलिया (Animalia) |
संघ (Phylum) | कॉर्डेटा (Chordata) |
उपसंघ (Subphylum) | वर्टीब्रेटा (Vertebrata) |
अधिवर्ग (Super Class) | ओस्टीइक्थीज़ (Osteichthyes) |
वर्ग (Class) | ऐक्टिनोप्टरिजियाए (Actinopterygii) |
गण (Order) | साइप्रिनीफोरमीस (Cypriniformes) |
कुल (Family) | साइप्रिनीडी (Cyprinidae) |
वंश (Genus) | कैरासियस (Carassius) |
जाति (Species) | ऑराटस (Auratus) |
गोल्डफिश की शारीरिकी
सुनहरी मछली प्राकृतिक रूप से हरे-भूरे या भूरे रंग की होती है। हालाँकि, प्रजाति परिवर्तनशील है, और कई असामान्यताएँ होती हैं। एक विचलित मछली चांदी के साथ काली, चित्तीदार, सुनहरी, सफेद या सफेद हो सकती है; इसमें त्रिकोणीय पूंछ वाला पंख या उभरी हुई आंखें हो सकती हैं; या इसमें सामान्य रूप से लंबे पृष्ठीय पंख की कमी हो सकती है।
वातावरण
गोल्डफिश मध्यम स्वभाव की होती हैं और औसतन लगभग 6 साल तक जीवित रहती हैं, हालांकि कुछ अधिक समय तक जीवित रहती हैं। यह मीठे पानी की मछली है। कुछ प्रजातियाँ खारे पानी में जीवित रह सकती हैं।
गोल्डफिश केवल एक विशिष्ट तापमान वाले पानी में ही जीवित रह सकती है। 18 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच पानी का तापमान उनके लिए आदर्श होता है।
गोल्डफिश समुद्र के मध्य गहराई में पाई जा सकती है। यह शैवाल जैसे पोषक तत्वों से भरपूर वातावरण में रहती है।
गोल्डफिश का पालन
गोल्डफिश के पालन में ध्यान रखने योग्य बातें:
- गर्मीयों में तालाब के पानी का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं होना चाहिए।
- तालाब में उथले किनारे वाले क्षेत्र होने चाहिए जिनमें गोल्डफिश के बच्चे छिप सकें।
- यदि गोल्ड फिश को एक या दो दिन खाना देना भूल जाते हैं, तो भी कोई नुकसान नहीं होगा।
- यदि गोल्डफिश देखने में अस्वस्थ लग रही है तो पानी को जल्द से जल्द साफ कर देना चाहिए। इसकी नियमित रूप से देखभाल करनी चाहिए।
- इसके मुख्य आहार को भिन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के मिश्रण का खाद्य पदार्थ देने चाहिए।
- सप्ताह में दो बार अधिक उच्च गुणवत्ता वाले पील्लेट आहार/सूखे खाद्य पदार्थ के रूप में देना चाहिए। मछली टैंक साफ होना चाहिए।
- स्वस्थ गोल्डफिश का स्कल चमकीला तथा पृष्ठीय पंख ऊपर की ओर होता है।
- गोल्ड फिश कभी-कभी अपने मुंह में पत्थर रख लेती है, लेकिन वे प्रायः उगल देती है। दिन में 1-2 बार खाना दे देना चाहिए, लेकिन उन्हें पेटभर से ज्यादा आहार नहीं देना चाहिए।
- गोल्ड फिश लगभग सभी खाद्य पदार्थों को खाने की कोशिश करती है। इसे फिश टैंक में देखकर ही अनुभव किया जा सकता है।
भोजन
गोल्डफिश तालाब के पौधों के साथ-साथ पानी में मौजूद छोटे जीवों को खाती है। ये सर्वाहारी होते हैं।
गोल्डफिश की किस्में
साधारण गोल्डफिश
यह मूल गोल्डफिश है. इसके छोटे पंख, पतला शरीर, छोटी पूंछ होती है. यह मुख्यतः लाल रंगों में पाई जाती है। इसे फिडर फिश के नाम से जाना जाता है। यह पालतू कार्प प्रजाति का एक रूप है और यह कई कार्प की प्रजातियों से मिलती-जुलती है। इसकी करीबी प्रजाति एशिया कार्प, सिर्फ रंग में अलग दिखती है। इसी प्रजाति से विभिन्न रंगों की अधिकांश किस्मों की नस्ल प्राप्त की गई। यह विभिन्न रंगों-लाल, नारंगी, सुनहरे, सफेद, काले, पीले या नीबू के रंग में पाई जाती है।
शुबंकिन गोल्डफिश
शुबंकिन गोल्डफिश का शरीर आम सुनहरी मछली जैसा ही होता है, इसका रंग हमेशा कैलिको होता है। यह गोल्डफिश लंदन में अधिक पाई जाती है। आम सुनहरी मछली के जैसा ही शुबंकिन गोल्डफिश के भी छोटे पंख, छोटे पूंछ और पतला शरीर होता है। शुबंकिन की तीन किस्में हैं, जिन्हें लंदन शुबंकिन, अमेरिकन शुबंकिन और ब्रिस्टल शुबंकिन कहा जाता है।
इसे जापान में शुबनकीन (लाल ब्रोकेड) के नाम से जानते हैं। नेक्रीयस स्केलस पैटर्न को केलिकों के नाम से जाना जाता है। यह देखने में कठोर, उकल पूंछ के साथ कैक्रियस स्केल सरीखी होती है। केलकों टेलीस्कोप आई और कॉमन गोल्ड फिश के साथ क्रॉस ब्रीडिंग करके इसे विकसित किया गया था। यह देखने में कॉमन गोल्ड फिश और कोमेट गोल्ड फिश के समान दिखती है। यह सर्वप्रथम जापान में विकसित की गयी थी। वर्ष 1900 में टेलीस्कोप आई गोल्ड फिश के उत्परिवर्तन से स्ट्रीम लाइन शरीर पंख के साथ विकसित किया गया। इसके पंख पर लाल, सफेद, नीले और काले रंग के धब्बे पाए जाते हैं। नीले रंग की सबसे ज्यादा कीमत है। केलिकों मूल रूप से तीन रंगों की किस्में प्रदर्शित करता है, जिसमें नीले रंग को शामिल नहीं किया गया है। सबसे अच्छी नीले रंग की शुबनकिन्स प्रजाति से लाइन प्रजनन के उत्पादन से होते हैं। कभी-कभी अच्छे नीले रंग की किस्म की प्राप्ति कांस्य, गुलाबी रंग का गोल्ड फिश के प्रजनन द्वारा होती है, जो देखने में भूरे रंग जैसा भी हो सकता है। युवा अवस्था में कैक्रियस का रंग विकसित करने के लिए कई महीने लगते हैं। इसकी लंबाई 9-18 इंच (23-41 सें.मी.) वयस्क काल तक होती है। यह 2 से 3 वर्ष में वयस्क हो जाती है। इसकी विशेषता दूरबीन जैसी आंख या डेमेकिन की तरह आंखें बाहर की आरे निकली हुई होती हैं। इसे ग्लोब आई या ड्रैगन आई गोल्ड फिश के नाम से जाना जाता है। काले टेलीस्कोप में ठोस काला रंग, पांडा टेलीस्कोप में काले और सफेद रंग तथा सफेद टेलीस्कोप के रंग का एक संस्करण है। ये लाल, नारंगी और पीले रंग में उपलब्ध हैं। इसकी दूरबीन सरीखी खराब दृष्टि होने के कारण इसे अधिक सक्रिय गोल्ड फिश की किस्मों के साथ नहीं मिलाना चाहिए। इसे एक्वेरियम में नुकीली वस्तुओं या तेज धार वाले वस्तुओं के साथ नहीं रखना चाहिए। इससे आंख को नुकसान पहुंच सकता है।
पंडा मूर
ये काले और सफेद रंग की होती हैं। बाहर की ओर निकली हुई आंखों के कारण यह एक विशेष प्रकार की प्रजाति है। परिपक्वता अवस्था में देखने में मखमल जैसा शरीर लगता है। बढ़ती हुई उम्र के साथ इसका मखमली शरीर रंग भी खोने लगता है। ये नारंगी और सफेद या किसी भी अन्य रंग के संयोजन में हो सकती हैं या वे बिल्कुल सफेद में बदल लेती हैं।
कॉमेट गोल्डफिश
कॉमेट गोल्डफिश सामान्य गोल्ड फिश की तरह दिखती है। सामान्य गोल्ड फिश से थोड़ी छोटी होती है और मुख्य रूप से अपनी लंबी गहरी कांटेदार पूंछ के द्वारा पहचानी जाती है। इसका पंख बहुत लम्बा होता है तथा यह दो भागों में विभाजित रहता है. इसका शरीर पतला रहता है. धूमकेतु आम सुनहरी मछली के समान ही है, लेकिन इसकी शानदार लम्बी और अच्छी तरह से विभाजित पूंछ पंख के लिए अधिक सुरुचिपूर्ण बनाती है। आम सुनहरी मछली की तरह, धूमकेतु एक अच्छे आकार की मछली है, बहुत सक्रिय है और इसलिए इसे एक बहुत बड़े तैराकी स्थान की आवश्यकता होती है। संयुक्त राज्य अमेरिका में कॉमेट फिश सबसे सामान्य फैंसी किस्म की प्रजाति पाई जाती है।
अमेरिकी / जापानी शुबंकिन
अमेरिकी शुबंकिन, एक कैलिको रंग का धूमकेतु गोल्डफिश होता है। इसके पंख एक बिंदु पर समाप्त होते हैं. और यह बहुत लंबे होते हैं। इसका शरीर पतला होता है तथा वह तेज होती है।
ब्रिस्टल शुबंकिन
ब्रिस्टल शुबंकिन का दुम का पंख बहुत चौड़ा होता है, जो इसे अन्य शुबंकिन्स से अलग करता है। यह मछली हमेशा कैलिको रंग की होती है। इसका धूमकेतु के सामान पतला शरीर होता है. इसे बहुत बड़ी तैराकी जगह की आवश्यकता होती है।
कैलिको गोल्डफिश
कैलिको गोल्डफिश विभिन्न प्रकार की सुनहरी मछलियों की नस्लों में आती हैं।
बबल आई गोल्डफिश
बबल आई गोल्डफिश की विशेषता इसके बुलबुले हैं। इस सुनहरी मछली पर बुलबुले 6-9 महीने की उम्र में विकसित होने लगते हैं, जिससे इसका नाम वाटर-बबल आई पड़ा। जब तक ये सुनहरी मछली 2 साल की होती है, तब तक बुलबुले बहुत बड़े हो जाते हैं। पानी से भरे ये बुलबुले वास्तव में इतने बड़े हो जाते हैं कि वे इस मछली को देखना और तैरना भी मुश्किल बना सकते हैं। इसमें पृष्ठीय पंख नहीं होते हैं। इनकी बुलबुले सरीखी आंख का रंग और आकार के लिए अच्छे नमूने के लिए प्रदर्शित किया जाता है। इसकी बुलबुले जैसी आंख देखने में कमजोर दिखती है। इसे हलचल मचाने वाली मछली से दूर रखना तथा नुकीली सजावट की वस्तु से अलग रखना चाहिए। इसके बुलबुले की तरह की आंख को नुकीली वस्तु से नुकसान हो जाने की आशंका रहती है। किंतु बुलबुले जैसी आंख की हवा बाहर निकलने से ये पुनः विकसित हो जाती हैं।
ब्लैक मूर गोल्डफिश
इसकी दूरबीन जैसी आंखें बाहर की ओर निकली हुई होती हैं। यह देखने में एक फैंसी गोल्ड फिश की तरह दिखती है। इसको पॉडआई, दूरबीन, जापान में डेमेकीन और चीन में ड्रेगन आई के रूप में जाना जाता है।
सेलीसटीयल आई गोल्डफिश
सेलीसटीयल आई डबल टेल्ड प्रजाति की नस्ल है। इसकी दूरबीन जैसी आंखें आकाश की ओर निकली हुई दिखाई देती हैं। इस मछली में आंख जन्म के बाद सामान्य रूप से दिखती है। लेकिन 6 महीने के अंदर टेलिस्कोप की तरह धीरे-धीरे बाहर की ओर उभरने लगती है।
पर्ल स्केल गोल्डफिश
इस सजावटी मछली को पर्ल स्केल या जापानी में चिनशुरिन के नाम सेजाना जाता है। इसका शरीर गोलाकार फेनटेल की तरह पंख के साथ लगा होता है। इसके शरीर पर मोटी गुंबददार स्केल्स मोती की तरह दिखती है। इसका शरीर गोलाकार तथा गोल्फ बॉल की तरह दिखता है। पंख लंबे और छोटे भी हो सकते हैं। इसकी लंबाई 8 इंच और यह संतरे के आकार की होते हैं, जबकि स्विम, ब्लैंडर नहीं होने के कारण पानी में सामान्य स्थिति बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित करती है। विशेष रूप से चयनात्मक प्रजनन प्रक्रिया के द्वारा शरीर का आकार पर्ल स्केल के रूप में विकसित होता है। चयनात्मक प्रजनन के परिणामस्वरूप धीरे-धीरे स्विम ब्लैंडर विकसित होता है, जिससे इसे पिंग पोंग पर्ल स्केले के नाम से जाना जाता है। इसकी पहचान शरीर की गहराई, शरीर की लंबाई से 1/3 से अधिक होती है। स्केल गोलाकार छत/गुंबद आकार की होती है। एक पृष्ठीय पंख तथा अन्य सभी पंख जोड़े में रहते हैं। कॉडल पंख विभाजित, कांटेदार और क्षैतिज दिशा की ओर होते हैं। ये प्रायः पंख के आकार की होते हैं। शरीर की न्यूनतम लंबाई 5.5 सें.मी. या ढाई इंच होती है। इसका पूरा शरीर देखने में चमकीला और गुंबद की तरह स्केल प्रदर्शित करता है। शरीर छोटा और गोलाकार (लंबा नहीं) होता है। इसके कॉडल पंख ऊंचे और अच्छी तरह से विभाजित होते हैं। इस मछली के पंख में उच्च गुणवत्ता वाले रंग की तीव्रता होती है।
लायनहेड गोल्डफिश
इस प्रजाति की मछली रंचू की तरह दिखती है। इसके सिर के ऊपर उभार जैसी आकृति बनी रहती है। इसका सिर गोल, गिल पूरी तरह से कवर किए हुआ रहता है। इसके अलावा दिखने में छोटा, लेकिन गहरा शरीर होता है। प्रायः अपेक्षाकृत सीधे और धनुषाकार की पीठ बिना पृष्ठीय पंख के रूप में दिखती है। इनके पंख सामान्य रूप से छोटे, पूंछ पूरी तरह से अलग या आंशिक रूप से अलग या झिल्लीदार होती है। इसके पूंछ कॉडल पेडोंकल, प्रायः शरीर के समानांतर मिलते हैं। कॉडल पेडोंकल देखने में चैड़े होते हैं, जो खुलने के साथ ही तैरने में मदद करते हैं। इसके हुड का विकास भिन्न-भिन्न हो सकता है, लेकिन नर में अधिक स्पष्ट दिखता है। युवा अवस्था में सामान्य रूप से विकास होने में लगभग एक वर्ष का समय लगता है। परिपक्व नर के सिर में हेड ग्रोथ के ऊपर धब्बे जैसा दिखता है। इसकी 6 इंच (25 सें.मी.) पंखरहित तक वृद्धि होती है। इसके स्केल धातु के रंग, केक्रेसियस या मैटल की तरह होते हैं। ये नारंगी, लाल, सफेद, लाल और सफेद, नीले, काले और सफेद, काले और लाल, प्राकृतिक तथा चॉकलेट रंग में उपलब्ध होती हैं।
फेनटेल गोल्डफिश
इसका अंडे के आकार का शरीर, उच्च पृष्ठीय पंख, लंबे चैगुनी कॉडल पिफन और गर्दन के पास हुप नहीं होते हैं। इसका रंग धातु की तरह या नेक्रेसियस स्केल और दूरबीन की तरह आंख होती है। इसके पंख युर्किन से कम विकसित होते हैं। इसके दो एनल और पुंख, पंख के सहारे तैरने में सहायता करते हैं। एनल और कॉडल अच्छी तरह से दो समान हिस्से में विभाजित रहता है। आमतौर पर यह मछली साहसी मानी जाती है और कम पानी के तापमान में लंबे समय तक जीवित रह सकती है। इन मछलियों को एक्वेरियम में रखने के लिए आदर्श तापमान 73-74 डिग्री पफाॅरेनहाइट की आवश्यकता होती है।
लायनचु गोल्डफिश
लायनचु या लायन हेड-रनचु एक सजावटी गोल्ड फिश की प्रजाति है। इसका प्रजनन पैंफसी लायन हैडस और रंचू के क्रॉस ब्रीडिंग के फलस्वरूप प्राप्त हुआ है। इसे शिशिगशिरा रंचू या लायन हेड रंचू के नाम से जानते हैं। इसकी पारंपरिक विशेषता साइड व्यू प्रोफाइल रंचू लायन हैड से मिलता-जुलता है। इसका गहरा शरीर पीछे और चैड़ा मुड़ा हुआ तथा पूंछ का स्थान हैडग्रोथ के साथ विलय कर दिया गया है। इसमें पृष्ठीय पंख की जरूरत नहीं है। लायनचु को अधिकारिक तौर पर 26-28 मई, वर्ष 2006 के दौरान सिंगापुर में आयोजित सजावटी गोल्ड फिश प्रतियोगिता वर्ष 2006 में एक अनूठे वर्ग के रूप में मान्यता दी गई थी।
बटरफ्रलाई टेल गोल्डफिश
यह तितली जैसी पंख या तितली की तरह दिखती है। इनके साथ-साथ ऊपर जुड़वां पूंछ होती है। पूंछ का पंख प्रसार पानी के नीचे तितलियों जैसा लगता है। ऊपर से देखने पर तितली के आकार का कॉडल पंख के द्वारा प्रदर्शित करता है। इसकी पूंछ की संरचना को सामान्यतः टेलीस्कोप आई गोल्ड फिश में विकसित किया गया है। इसे बटरफ्रलाई टेल टेलीस्कोप, बटरफ्रलाई डिमिकीन, बटरफ्रलाई टेल मूर और टॉप व्यू टेलेस्कोप के नाम से जाना जाता है। यह टेलिस्कोप गोल्ड फिश की प्रजाति है, जिसकी आंख बाहर की ओर सबसे अच्छा ऊपर देखने के द्वारा सराही जाती है। सामान्यतः इसकी पूंछ की भिन्नता टेलीस्कोप आई से अलग है। तितली की तरह का पंख युर्विंफस या ओरंडा में भी मौजूद हो सकता है। पूंछ का प्रसार 180 डिग्री का कोण बनाता है। लंबी पूंछ का पंख के वजन की वजह से एक कोण पर नीचे की ओर हो सकता है। बटरफ्रलाई टेल मूर की लोकप्रियता के कारण अन्य प्रकार के बटरफ्रलाई टेल को अलग-अलग किया जा सकता है जैसे फेयरी बटरफ्रलाई, शुयन शू बटरफ्रलाई, डेल्टा और ट्रापेजीउम टेल बटरफ्रलाई।
वेलटेल गोल्डफिश
इसकी अतिरिक्त लंबी, डबल पूंछ बहती हुई दिखती है। यह देखने में फेनटेल गोल्ड फिश की तरह लगती है, लेकिन गोलाकार शरीर और बहुत ही लंबे नाजुक पंख होते हैं। उनके दो कॉडल पंख और एनल पंख अच्छी तरह से अलग दिखते हैं। फेनटेल गोल्ड फिश में पृष्ठीय पंख सीधा रहता है, लेकिन वेलटेल गोल्ड फिश में यह काफी लंबा और ढाई इंच (6 सें.मी.) लंबा तक बढ़ सकता है। इसका गहरे और चैतरफा युर्किन के आकार का शरीर होता है। इसमें एक अच्छी तरह से विकसित पृष्ठीय पंख होता है। एनल फिन एक जोड़े कापफी अच्छी तरह से विकसित होते हैं। वेल टेल शब्द आमतौर पर एक लंबे कॉडल फिन के लिए जाना जाता है। ये कई रंगों में उपलब्ध हैं। इन्हें 8 से 12 इंच (20 से 30 सें.मी.) तक विकसित कर सकती हैं। ये अच्छी तरह से तैर नहीं सकते हैं, लेकिन अन्य गोल्ड फिश के साथ रख सकती हैं। वेल टेल 55 डिग्री फॉरेनहाइड (23 डिग्री सेल्सियस) से नीचे का तापमान स्वीकार करती है। इसकी लंबी पूंछ बहुत नाजुक और आसानी से क्षतिग्रस्त हो सकती है। यह कम पानी के तापमान के लिए अतिसंवेदनशील होती है।
टोसाकिन गोल्डफिश
इसकी लंबी पूंछ क्षैतिज दिशा में पीछे की ओर पैफलती है। तकनीकी तौर पर पूंछ दो हिस्सों में विभाजित केंद्र के बीच एक एकल पंख बनाने में संलग्न रहती है। इसकी बड़ी पूंछ पंख की सतह क्षैतिज दिशा की ओर पंख की तरह पीछे की ओर पैफली होती है। यह जापान में विकसित की गयी थी। यह मूल रूप से युर्किन प्रजाति से विकसित मानी जाती है। इसका शरीर अन्य फेन टेल की तरह के आकार का है। इसकी लंबी, चाैड़ी पूंछ पैफली हुई और चैड़ा क्षैतिज दिशा के साथ प्रमुख किनारों में एक बार या दो बार फ्रिलपिंग के साथ खुलती है। इसकी लंबी और चैड़ी पूंछ है। इसको स्थिर पानी में बिना तेजधार में रखे जाने की आवश्यकता है। वास्तविक रूप में कठोर, गहरे शरीर गोल्ड फिश की अधिकांश नस्लों के रूप में इसे पाया जाता है। ऊपर से देखने से बाद इसके नुकीले सिर और गहरे, गोल ट्रंक के साथ पूंछ स्पष्ट रूप से एक फ्लैट आधे चक्र के रुप में दिखती है। इसके रंग मेटालिक, लाल और सफेद, बिना रंग का (लोहे के रंग) होते हैं। अन्य गोल्ड फिश की तुलना में इसकी कम वृद्धि होती है। इसकी अधिकतम लंबाई 8 इंच तक की होती है।
कुर्लएड गिल गोल्डफिश
यह गोल्ड फिश विशषेज्ञाद्वारा विकसित की गई है। यह गिल बाहर की ओर कवर किए हुए रहती है। यह अपनी गिल कवर बाहर बने उपस्थिति के लिए जानी जाती है। गिल बाहर की ओर उपस्थित होने के कारण इसमें शामिल किया गया है। यह मछली यकिर्न के जैसा दिखती है।
एग्ग फिश गोल्डफिश
इसका प्रजनन सजावटी गोल्ड फिश के प्रजनकों के विशेषज्ञों द्वारा कृत्रिम तरीके से हुआ है। इसमें पृष्ठीय पंख का अभाव और शरीर एक स्पष्ट अंडे आकार की तरह दिखता है।