ग्लोब (glob)

ग्लोब (glob) पर पूर्व से पश्चिम की ओर खींची काल्पनिक रेखाएं, अक्षांश रेखाएं कहलाती है। अक्षांश रेखाएं ग्लोब पर आड़ी रेखाएं होती है। पृथ्वी पर कुल 179 अक्षांश रेखाएं है, जिनमें से एक अक्षांश रेखा रेखा 00 अक्षांश पर स्थित होती है, जिसे भूमध्य रेखा कहते है। अक्षांश रेखाएं भूमध्य रेखा के समांतर होती है इसलिये इन्हें समांतर रेखाएं भी कहते है। कर्क रेखा, मकर रेखा, भूमध्य रेखा या विषुवत्त रेखा इत्यादि अक्षांश रेखाएं है। ये अक्षांश रेखाएं परस्पर समांतर होती है तथा दो अक्षांशों के बीच की जगह जोन (कटिबंध) कहलाती है। दो अक्षांशों के मध्य की दूरी लगभग 111 km होती है।

अक्षांश रेखाओं की लंबाई भूमध्य रेखा पर सबसे ज्यादा तथा जैसे-जैसे ध्रुवों की ओर जाते है, इनकी लंबाई कम होती जाती है। ध्रुवों पर कोई अक्षांश रेखा नहीं होती है यहां पर केवल अक्षांश बिन्दु ही होते है, इसी कारण अक्षांश रेखाएं 179 है। अक्षांश रेखाओं से किसी स्थान की स्थिति एवं जलवायु का निर्धारण किया जा सकता है।

देशांतर रेखाएं

Glob पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गयी काल्पनिक रेखाएं जो पृथ्वी के धरातल पर किन्हीं दो स्थानों के बीच अंशात्मक दूरी को प्रदर्शित करती है, देशांतर रेखाएं कहलाती है।वृत में 360 degree होते है। उसी प्रकार glob पर 360 degree देशांतर के अंश होते है इन्हें रेखांश भी कहते है। पृथ्वी (earth) के बीचो-बीच में प्रमुख मध्याह्न रेखा या ग्रीनविच रेखा होती है जिसे 0 degree देशांतर रेखा होती है। देशांतर रेखाएं उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव पर आपस में मिल जाती है तथा इनके बीच में सबसे अधिक दूरी भूमध्य रेखा पर 111.32 km होती है। दो देशांतर रेखाओं के मध्य की दूरी गोरे कहलाती है। जहां अक्षांश रेखाएं एवं देशांतर रेखाएं परस्पर काटती है उसे ग्रिड कहते है। 0 degree देशांतर के पूर्व में 180 degree देशांतर तथा पश्चिम में 180 degree देशांतर होते है। 0 degree देशांतर से हम 180 degree पूर्व या 180 degree पश्चिम की ओर जाते है तो हम एक ही देशांतर पर पहुंचते है इसी कारण 180 degree देशांतर रेखा पर न ही पूर्व तथा न ही पश्चिम लिखा जाता है। विश्व का मानक समय (standard time) 0 degree देशांतर रेखा से निर्धारित किया जाता है। 0 degree देशांतर रेखा को ग्रीनविच रेखा कहते है, जो लंदन (londan) के ग्रीनविच शहर से निकलती है। इस कारण इसे ग्रीनविच रेखा कहते है।

देशांतर से समय निर्धारित करना

हम 0 degree देशांतर से पूर्व या पश्चिम की ओर बढ़ते है तो हमें पता चलता है कि किसी स्थान पर सूर्य उदय, किसी स्थान पर दोपहर, किसी स्थान पर सूर्यास्त (sunset) तथा किसी स्थान पर मध्य रात्रि होती है।क्योंकि पृथ्वी गोलाकार है इसलिए सभी स्थानों पर सूर्य का प्रकाश एक साथ नहीं पहुंच पाता है। सूर्य के प्रकाश को एक देशांतर पार करने में 4 मिनट का समय लगता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है। जब हम 0 degree देशांतर से पूर्व की ओर जाते है तो 1 degree देशांतर तथा 2 degree देशांतर पर समय का अंतर 4 मिनट होगा। इसी प्रकार 0 degree देशांतर तथा 80 degree देशांतर पर समय का अंतर 5 घंटे 20 मिनट मिनट होगा।

अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा

180° पूर्वी देशांतर तथा 180° पश्चिमी देशांतर की रेखा एक ही होती है जिसे हम अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के नाम से जानते हैं । इस रेखा से नई तिथि की शुरुआत मानी जाती है। 0° से 180° पूर्वी देशांतर के बीच का समय आगे और 0° से 180° पश्चिमी देशांतर के बीच का समय पीछे रहता है। अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पूर्व से पश्चिम की ओर पार करने पर एक दिन कम कर दिया जाता है एवं पश्चिम से पूर्व की ओर पार करने पर एक दिन जोड़ दिया जाता है।

भूमध्य रेखा

ग्लोब (glob) के बीचों-बीच में खींची गई 0 अक्षांश रेखा को भूमध्य रेखा (equator line) कहा जाता है। इसे विषुवत्त रेखा भी कहते है। भूमध्य रेखा (equator line) पर साल भर दिन रात बराबर होते है इसलिए इसे विषुवत्त रेखा कहते है। यह रेखा पूर्ण ग्लोब (glob) पर वृताकार होती है, इसलिए इसे विषुवत्त रेखीय वृत्त या भूमध्य रेखीय वृत्त कहते है। विषुवत्त रेखीय वृत्त पृथ्वी पर खींचा जाने वाला सबसे बड़ा वृत्त हैं। भूमध्य रेखा (equator line) दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के इक्वाड़ोर देश के स्थलीय भाग में प्रवेश करती है । यह रेखा दक्षिण अमेरिका,अफ्रीका तथा आस्ट्रलिया से भी निकलती है। यह अफ्रीका महाद्वीप के मध्य से निकलती है। भूमध्य रेखा के 23½ उत्तर मे कर्क रेखा तथा 23½ दक्षिण मे मकर रेखा स्थित हैं । भूमध्य रेखा (equator line) के 10 उत्तर तथा 10 दक्षिण का भाग उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र है तथा यहाँ जलवायु वर्ष भर समान, गर्म तथा आर्द्र होता है तथा यहाँ उच्च तापमान (high temperature ) रहता है तथा वर्षा अधिक होती है इस कारण यहाँ उष्ण कटिबंधीय सदाबहार घने वन पाये जाते हैं।

कौन सी नदी भूमध्य रेखा को दो बार काटती है?

नील नदी (कांगो नदी) विषुवत्त रेखा को दो बार काटती है।

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