कम्प्यूटर वायरस एक ऐसा प्रोग्राम है जो अपने आप को दोहरा सकता है और एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में फैल सकता है। यह आमतौर पर एक संक्रमित फ़ाइल या ईमेल संदेश के माध्यम से फैलता है। एक बार जब वायरस एक कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है, तो यह उपयोगकर्ता की अनुमति के बिना अपने आप को कॉपी करना शुरू कर देता है। यह संक्रमित फ़ाइलों और डिस्क क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा सकता है, या उपयोगकर्ता की निजी जानकारी चुरा सकता है।
कंप्यूटर वायरस के कई प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:
- फाइल वायरस: ये वायरस संक्रमित फ़ाइलों में खुद को जोड़ते हैं। जब संक्रमित फ़ाइल खोली जाती है, तो वायरस भी खोल जाता है और खुद को कॉपी करना शुरू कर देता है।
- ईमेल वायरस: ये वायरस ईमेल संदेशों में छिपे होते हैं। जब उपयोगकर्ता संक्रमित ईमेल संदेश खोलता है, तो वायरस भी खुल जाता है और खुद को कॉपी करना शुरू कर देता है।
- मल्टिपलिटी वायरस: ये वायरस एक ही समय में कई कंप्यूटरों को संक्रमित कर सकते हैं।
- रूपांतरित वायरस: ये वायरस अपनी कोड को बदल सकते हैं ताकि उन्हें एंटीवायरस प्रोग्राम द्वारा पहचानना मुश्किल हो।
- हाइपरबोलिक वायरस: ये वायरस संक्रमित फ़ाइलों को नुकसान पहुंचाकर कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- डोमेस्टिक वायरस: ये वायरस उपयोगकर्ता की निजी जानकारी चुरा सकते हैं, जैसे कि पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड नंबर।
कंप्यूटर वायरस से बचने के लिए, उपयोगकर्ताओं को निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
- केवल विश्वसनीय स्रोतों से फ़ाइलें डाउनलोड करें।
- ईमेल संदेशों से संलग्न फ़ाइलों को अनजान उपयोगकर्ताओं से न खोलें।
- अपने कंप्यूटर पर एक विश्वसनीय एंटीवायरस प्रोग्राम इंस्टॉल और अपडेट करें।
- अपने कंप्यूटर की सुरक्षा सेटिंग्स को मजबूत करें।
यदि आपके कंप्यूटर में वायरस होने का संदेह है, तो तुरंत एंटीवायरस प्रोग्राम का उपयोग करके स्कैन करें। यदि वायरस पाया जाता है, तो इसे हटाने के लिए एंटीवायरस प्रोग्राम के निर्देशों का पालन करें।
कंप्यूटर वायरस को कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- बूट सेक्टर वायरस: ये वायरस कंप्यूटर के बूट सेक्टर में संक्रमण करते हैं, जो कंप्यूटर को बूट करने के लिए आवश्यक कोड होता है। जब कंप्यूटर बूट होता है, तो ये वायरस सक्रिय हो जाते हैं और कंप्यूटर को संक्रमित करना शुरू कर देते हैं।
- मैक्रो वायरस: ये वायरस मैक्रो प्रोग्राम्स में संक्रमण करते हैं, जो वर्ड प्रोसेसर, स्प्रेडशीट और अन्य प्रकार के सॉफ्टवेयर में उपयोग किए जाने वाले स्वचालित कार्य होते हैं। जब कोई उपयोगकर्ता इन संक्रमित मैक्रो प्रोग्राम्स को चलाता है, तो ये वायरस सक्रिय हो जाते हैं और कंप्यूटर को संक्रमित करना शुरू कर देते हैं।
- नेटवर्क वायरस: ये वायरस नेटवर्क के माध्यम से फैलते हैं। जब कोई उपयोगकर्ता संक्रमित फाइल या ईमेल संदेश खोलता है, तो ये वायरस अन्य कंप्यूटरों को संक्रमित कर सकते हैं।
- ब्राउज़र हाइजैकर: ये वायरस ब्राउज़र के होम पेज, खोज इंजन और अन्य सेटिंग्स को बदल देते हैं। इससे उपयोगकर्ताओं को अनचाहे विज्ञापनों और अन्य सामग्री दिखाई दे सकती है।
- रूटकिट वायरस: ये वायरस कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम में गहराई से प्रवेश कर जाते हैं और उन्हें नियंत्रित करना शुरू कर देते हैं। इससे उपयोगकर्ताओं को अपने कंप्यूटर का पूर्ण नियंत्रण खोना पड़ सकता है।
- फ़िशिंग वायरस: ये वायरस ईमेल संदेशों के माध्यम से फैलते हैं, जो उपयोगकर्ताओं को उनके व्यक्तिगत डेटा को प्रकट करने के लिए धोखा देते हैं।
- ट्रोजन वायरस: ये वायरस उपयोगकर्ताओं को अपने कंप्यूटर पर अन्य मैलवेयर को स्थापित करने के लिए धोखा देते हैं।
- स्पाइवेयर: ये वायरस उपयोगकर्ताओं की ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रखते हैं और इस जानकारी को विज्ञापनदाताओं को बेचते हैं।
कम्प्यूटर वायरस के उदाहरण
कंप्यूटर वायरस के उदाहरण दिए गए हैं:
ILOVEYOU वायरस (2000): यह वायरस एक ईमेल संदेश के रूप में फैला, जिसमें एक संलग्न फ़ाइल थी जो एक वायरस थी। संलग्न फ़ाइल को खोलने वाले किसी भी व्यक्ति को संक्रमित कर दिया गया था। इस वायरस ने दुनिया भर में 50 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान पहुंचाया।
WannaCry वायरस (2017): यह वायरस एक लॉकस्क्रीन वायरस था जो संक्रमित कंप्यूटरों को लॉक कर देता था और फिर उपयोगकर्ताओं से फिरौती की मांग करता था। इस वायरस ने दुनिया भर में लाखों कंप्यूटरों को संक्रमित किया।
CryptoLocker वायरस (2013): यह वायरस एक क्रिप्टोवायरस था जो संक्रमित फ़ाइलों को एन्क्रिप्ट कर देता था। फिरौती का भुगतान करने के बाद उपयोगकर्ताओं को फ़ाइलों को अनलॉक करने की अनुमति दी गई थी। इस वायरस ने दुनिया भर में करोड़ों डॉलर का नुकसान पहुंचाया।
Zeus वायरस (2007): यह वायरस बैंकिंग ट्रांसफर को नकली करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस वायरस ने दुनिया भर के बैंकों से करोड़ों डॉलर चुरा लिए।