वाहित मल, कृषि में प्रयुक्त उर्वरक एवं अन्य अपशिष्ट पदार्थों में नाइट्रेट एवं फास्फेट युक्त रसायन प्रचुर मात्रा में उपस्थित होते है। ये रसायन युक्त अपशिष्ट जलाशयों व तालाबों में मिल जाते है तो ये शैवालों के लिए पोषक का कार्य करते है। जिससे इन जलाशयों में शैवालों की वृद्धि तेजी से होती है। शैवालों की इस अत्यधिक वृद्धि को शैवाल ब्लूम कहते है। ये शैवाल ऑक्सीजन का अत्यधिक मात्रा में उपयोग करते है। इसके अतिरिक्त मृत शैवालों का जीवाणु द्वारा अपघटन भी होता रहता है जिससे जल में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जल में ऑक्सीजन की कमी से जलीय जीव मरने लगते है।